मन-संसार
एक नज़र अपने समय पर...
बुधवार, 14 मई 2014
मन-संसार की यादे ...
तुझको सोचा तो खो गई आखें,
दिल का आईना हो गई आखें
ख़त
का
पढ़ना
भी
मुश्
किल
हो
गया
,
सारा
काग़ज़
भिगो
गईं
आंखें।
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